नकाबों की ही दुनिया है नकाबों के ही है बाजार
कातिलों को पूजते हैं मज़लूमियत के पैरोकार
नकाबों का ही रोना क्या
रूह तक ज़र्द है दुनिया की
किसी की मौत का बाजार
सरे महफ़िल जमाया है।
#SSRcase
बिक रही हैं नसीहतें कातिल को खंज़र थमाने की
कहीं दर्द की नीलामी पे बोली लगत्ती है
जाहिराना तौर पर बिके हुए हैं बाजार
कहीं कातिल का सौदा है कहीं मज़लूम बिकता है
जो इंसाँ है जो दानिश है जो भूखा और नंगा है
सरे बाजार उसकी रुसवाई का तमाशा बिकता है
ये दुनिया है यहां किसी की मौत का मंजर बिकता है
न मंज़र हो तो हद ये है कि इंसाफ फिर सरेजहान बिकता है
#SSRcase
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