कच्ची धान की बालों की मीठी सी महक ,
पहली फुहारों में माटी की सोंधी सी गमक ,
भीगते मौसम में खुमारी की हलकी सी खुनक ,
सब याद आता है जब तेरी याद आती है ;
अधमुंदी आँखों के वो प्यारे सपने
रात पत्तों पे पड़ती वो ओस की बूँदें
तुम भी तो खो गए थे इनकी तरह
ढूँढा कितना था ;मेरे बचपन -----
----------------------------------तुम कहाँ हो --?
पहली फुहारों में माटी की सोंधी सी गमक ,
भीगते मौसम में खुमारी की हलकी सी खुनक ,
सब याद आता है जब तेरी याद आती है ;
अधमुंदी आँखों के वो प्यारे सपने
रात पत्तों पे पड़ती वो ओस की बूँदें
तुम भी तो खो गए थे इनकी तरह
ढूँढा कितना था ;मेरे बचपन -----
----------------------------------तुम कहाँ हो --?

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