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यादों की चिड़िया

अब मिलना नही होता तुझसे कभी पर , तेरे ख़त अब भी मिल जाते हैं , बिखरे हुए दानों की तरह मुझे यूँ ही  कभी कभी,  झांकते हुए से   कभी इस पल्ले से ...

शनिवार, 11 जुलाई 2015

बारिशों में महकता बचपन

कच्ची धान की बालों की मीठी सी महक ,
पहली फुहारों में माटी की सोंधी सी गमक ,
भीगते मौसम में खुमारी की हलकी सी खुनक ,
सब याद आता है जब तेरी याद आती है ;
        अधमुंदी आँखों के वो प्यारे सपने
      रात पत्तों पे पड़ती वो ओस की बूँदें
      तुम भी तो खो गए थे इनकी तरह
      ढूँढा कितना था ;मेरे बचपन -----
----------------------------------तुम कहाँ हो --?

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