अपनी उतरन भी देते हैं तो अहसान की तरह
वो जान भी दे दें तो फ़र्ज़ उनका है
बड़ी खूबसूरत ये हिमाकत की है
के आज तूने खुद से मोहब्बत की है
बड़ा मुख्तसर सा है ये अंदाज़ जिये जाने का
तूफां से गुजरने की हमने भी हिमाकत की है
के आज तूने खुद से मोहब्बत की है
बड़ा मुख्तसर सा है ये अंदाज़ जिये जाने का
तूफां से गुजरने की हमने भी हिमाकत की है
उभरते नहीं कागजों पर तल्ख ज़ज़्बातों के हरूफ
एक पूरी किताब मेरी बन्द आंखों में है
एक पूरी किताब मेरी बन्द आंखों में है
तारीखों की वफ़ा देखें या अपनी उनसे बेवफाई
वो आती हैं जरूर और हम उनसे रूबरू नही होते
वो आती हैं जरूर और हम उनसे रूबरू नही होते
बहाना तक़दीर का ना होता तो जाने क्या हो गया होता
अपनी गलतियों पे शर्मिंदा हो कर इन्सां मर गया होता
अपनी गलतियों पे शर्मिंदा हो कर इन्सां मर गया होता
आप बस जलती हूंई बहती हुई बूंदों की रवानी देखें
शमा बुझने को है सिर्फ वक़्त की मेहरबानी देखें
शमा बुझने को है सिर्फ वक़्त की मेहरबानी देखें
बेखौफ उम्र के सैलाबों के सीने पर ,मौजों पर तैरे
अब ढलती उतरती लहरों में कदमों की निशानी क्या ढूंढें
अब ढलती उतरती लहरों में कदमों की निशानी क्या ढूंढें
2 टिप्पणियां:
भई वाह
शुक्रिया
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