प्यार मर जाता है
शब्दों के अभाव में;
सम्वेदनाओं की मौत पर
सर पटकता
प्यार मर जाता है
मूर्ख हैं जो समझते /समझाते हैं
कि प्यार मरता है
हाथ उठाने से,
तिशनों से, तानों से
लड़ने से ,झगड़ने से
पर नही ;
वो ज़िंदा है जब तलक
सम्वाद ज़िंदा है,
वो ज़िंदा है ,
जब तक भाव ज़िन्दा है।
शब्दों के अभाव में;
सम्वेदनाओं की मौत पर
सर पटकता
प्यार मर जाता है
मूर्ख हैं जो समझते /समझाते हैं
कि प्यार मरता है
हाथ उठाने से,
तिशनों से, तानों से
लड़ने से ,झगड़ने से
पर नही ;
वो ज़िंदा है जब तलक
सम्वाद ज़िंदा है,
वो ज़िंदा है ,
जब तक भाव ज़िन्दा है।
कहीं दूर भी कोई अपना है
कहीं पास रह कर भी
कोई अपना नही होता
कहीं दूर से कोई भांप लेता है
कसक,आंखों की नमी,
आवाज़ की थर्राहट
और अंदाज़ से।
कोई बगल में
करवट बदल लेता है
बे अंदाज़ सा।
कहीं पास रह कर भी
कोई अपना नही होता
कहीं दूर से कोई भांप लेता है
कसक,आंखों की नमी,
आवाज़ की थर्राहट
और अंदाज़ से।
कोई बगल में
करवट बदल लेता है
बे अंदाज़ सा।
उस पर भी गरज़ ये की ढोये जा रहे हैं सलीब सभी अपना अपना
जिये जा रहे हैं बस क्योंकि मरना नही आता
जिये जा रहे हैं बस क्योंकि मरना नही आता
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