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यादों की चिड़िया

अब मिलना नही होता तुझसे कभी पर , तेरे ख़त अब भी मिल जाते हैं , बिखरे हुए दानों की तरह मुझे यूँ ही  कभी कभी,  झांकते हुए से   कभी इस पल्ले से ...

शनिवार, 2 जनवरी 2016

ओ मनमीत

कब आए कब चले गए
ओ मनमीत,
गीत कहाँ सब रीत गए
ओ मनमीत
संग सुहाना साथ पुराना
प्रीत नयी या प्यार पुराना
भूल चले या छूट गया
ओ मनमीत
कितना समय बहा झरने में
कितने मौसम रुके चले
कितनी यादें बातेंबरसीं
मन के रेतीले आँगन में
भीग चला था जब वो आँचल
तब जा कर तुम कहाँ मिले
इस आँगन को इस आँचलको
नमी दिखा कर कहाँ  चले
ओ मनमीत
कब आये कब  चले गए
ओ मनमीत
गीत कहाँ सब रीत गए
ओ मनमीत

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