चिरई रे काहे तू करे लू पुकार हो
करेजवा जाला रे छेदाय हो
के कजरी हो काहे के करे लू तू गुहार हो
मनवा के पथरा पे पनिया के बूँदवा हो
काहे के जाला बिछलाय हो
कुहुक कुहुक तू त गावेलू बगिचवा में
जाला करेजवा जुराय हो
के ऋतुवा बसंत के जो आवेला उमरिया पे
तू ही गीतिया से दे लू ना संवार हो
के तोहरा दरद हमसे सुनलो ना जाला
जाला कइसन त करेजवा बिन्धाय हो
कैसे कहीं तोहरे रोअळा से हमरा
जियरा त जाला ना डराय हो
के तोहरे पियवाके बाँध के लिहले जाला ब्याध
ईहै विरह व्यथा है का तुहार हो
के लइकन के तोहरे पकडले बा बटोहिया हो
के करे लू अइसन चीत्कार हो
न। रोआ हो कोइल रानी न रोआ हो करेजवा
के बिरह ब्यथा ह अपार हो
पकड़ जैहें ब्याध हो पकड़ जैहें बटोहिया
पकड़ लीहें राजा जी
लीहें तोहरे करेजवा के छुड़ाय हो
न रोआ हो चिरई रानी
ना रोवा हो कोइल रानी
अइहैं सजनवा तुहार हो
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