शायद कोई पत्ता खड़के शायद कोई उम्मीद जगे
शायद नदिया थम जाए,शायद तुम सच मे आ जाओ
शायद कोई आस जग जाए नई ,शायद कोई तो कांधा हो ,
थक जाने पर सुस्ताने को या फिर कोई राह दिखाने को
शायद मेरे कदमो के नीचे भी कभीअपने हाथ बिछाये कोई
शायदमेरे सपनों के दिये में कभी बाती बन उजास लाये कोई
शायद कोई टूट के चाहे शायद कोई साथ निभाता हो
शायद मेरे मुश्किल पथ में कोई मेरा साथ निभाता हो।
सपनो की इस दुनिया मे शायद कोई शक्ल कभी उभरे
शायद इस जीवन पथ में कभी कोई रोशन दीप कभी उभरे
शायद...
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