मुझे लगता है कि मैं अमरबेल हूँ;
जी जाऊंगी
कोई साथ रहे ना रहे
हर रिश्ते से भाग आती हूँ मैं ,
गांठ खोल कर,
कर लुंगी पूरा ये सफर
कोई साथ चले ना चले
किसी रिश्ते को जकड़ने को
लगाती नही पूरी ताकत
कोई छोड़े मुझे उससे पहले
छोड़ आती हूँ मैं हर रिश्ता खुद से
निबाह लुंगी मै खुद से
कोई जुड़े मुझसे, न जुड़े।
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