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यादों की चिड़िया

अब मिलना नही होता तुझसे कभी पर , तेरे ख़त अब भी मिल जाते हैं , बिखरे हुए दानों की तरह मुझे यूँ ही  कभी कभी,  झांकते हुए से   कभी इस पल्ले से ...

गुरुवार, 18 जून 2020

खामोश ख्वाहिशों के जंगल

कितना कुछ है न ,
जो आप साझा करना चाहते हो 
किसी अपने से ;
किसी खास से ..!!
छोटी छोटी बातें ,सपने ,उलझनें ,
कोई हल्की फुल्की सी  बात,
 कोई उच्छ्वास;
झूल जाना यूँ ही हंसते- हंसते ,
किसी कंधे पे अचानक;
या यूँ ही हाथ पकड़ कर बैठे रहना
उसकी उंगलियां  गिनते ;
या फिर बालों में घुमाते हाथ ,
बालों को हल्के से जकड़ के
 फिर छोड़ देना....!
और उन उट्ठी हुई पलकों को बेसाख्ता
चूम लेना आहिस्ता से
कुछ लकीरों में ये ख्वाब होते हैं
साथ चलते हुए उम्र भर...खामोश !!

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Bahut khubsurat andaaz

Kavita ने कहा…

शुक्रिया