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यादों की चिड़िया

अब मिलना नही होता तुझसे कभी पर , तेरे ख़त अब भी मिल जाते हैं , बिखरे हुए दानों की तरह मुझे यूँ ही  कभी कभी,  झांकते हुए से   कभी इस पल्ले से ...

मंगलवार, 29 जनवरी 2019

ज़मीं पे रख के पांव तुम चाहो तो आसमां छू लो
हवाओं के परिंदों को भी दो गज़ ज़मीं की चाहत है

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