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यादों की चिड़िया

अब मिलना नही होता तुझसे कभी पर , तेरे ख़त अब भी मिल जाते हैं , बिखरे हुए दानों की तरह मुझे यूँ ही  कभी कभी,  झांकते हुए से   कभी इस पल्ले से ...

शुक्रवार, 22 मई 2020

तेरा होना

कोई ऐसे भी साथ छोड़ता है भला
चुपचाप,निःशब्द
दबे पांव निकल जाता है भला ?
कोई ..!
जिंदगी से जीवन ही खींच जाता है 
जैसे भटकती है कोई रूह 
ऐसे सरे मंजिल भटका जाता है
 ऐसे भी हाथ छोड़ता है भला
कोई..!!
वो उजाला तेरी आँखों का था शायद
जो सदा आसपास फैला था
वो गर्मी वो महक 
तेरी मौजूदगी भर से थे शायद
बड़ी नमी बड़ी बिछलन सी 
है अब अंधेरी गलियों में
तेरे हाथों की तलाश मुझको अब 
तेरी याद दिलाती है बहुत 




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