कुछ फूल सजा रखे हैं
सूख गए हैं
पर महक अब भी बाकी है
कुछ ख़त बिना नाम के
लिखे रखे हैं
कुछ साल
चादर की तरहा
बिछा रखे हैं
कुछ लिहाफ यादों के
अब भी पुरसुकून हैं
एक फूल याद है–?
एक फूल याद है–?
जो तुमने कभी भेजा था ?--
एक गुलदस्ता--?
एक गुलदस्ता--?
भिजवाया था मेरे पते पर
अब भी सजा रखा है
अब भी सजा रखा है
यूँ ही –
फूल कभी बासी नहीं होते ना
उनकी महक
फूल कभी बासी नहीं होते ना
उनकी महक
यादों में बसती है-- शायद

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