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यादों की चिड़िया

अब मिलना नही होता तुझसे कभी पर , तेरे ख़त अब भी मिल जाते हैं , बिखरे हुए दानों की तरह मुझे यूँ ही  कभी कभी,  झांकते हुए से   कभी इस पल्ले से ...

रविवार, 22 सितंबर 2013

यादें

तेरी नज़रों को उड़तीजुल्फों  पे ठहरते देखा है
तेरी आँखों में मोहब्बत को दफन देखा है
समय के बहते दरिया में कल की यादों को
लहरों की तरह उठ के गिरते गिर के उठते  देखा है 

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